"मैं जैसी हूँ... वैसी ही रहूंगी! 💫🖤🔥"
परखोगे तो बहुत बुरी हूँ मैं,
समझोगे तो मेरे जैसी मिलेगी भी नहीं। 😌🔥
हर मुस्कान के पीछे एक आँसू छुपा है,
हर हँसी में कोई दर्द दबा है। 😢💔
कभी हालात ने तो कभी अपनों ने तोड़ा हैँ,
पर खुद को फिर भी हर बार जोड़ा हैँ। 🧩💪
ज़रा-सी सख़्ती दिखती है बातों में,
पर दिल अब भी सच्चा है रातों में। 🌙🫀
लोग कहते हैं “बदल गई हो तुम”,
हक़ीक़त ये है कि समझदार बन गई हूँ में। 😔📚
अब भरोसा भी सोच-समझ कर करती हूँ में,
और मेरी खामोशियाँ गहरी बात कहती हैं। 🤐🕊️
जो समझ पाया, उसने खोया नहीं,
जो परखा, वो कभी रोया नहीं। 😇❤️
मैं सिर्फ़ दिखने में पत्थर सी लगती हूँ,
वरना अंदर से मोम सी पिघलती हूँ। 🕯️🥺
ज़िंदगी ने तजुर्बा तो खूब दिया है,
अब हर रिश्ता "पक्का" लगे—ज़रूरी नहीं। 🧠💔
जो दिल के करीब था, वही सबसे ज़्यादा दूर निकला,
अब हर अपना, अपना हो—ये ज़रूरी नहीं। 😶🌫️🕳️
मैं फूल जैसी ना सही, पर कांटा भी नहीं,
बस जो जैसा मिला, वैसी ही बनी रही। 🌸🗿
मत करना फ़ैसला मेरे बारे में यूँ ही,
हर चेहरा मुस्कुराता हुआ बेदर्द नहीं होता। 🙂💔
मैंने सीखा है हर मोड़ पर चुप रहना,
क्योंकि अब हर कोई समझदार नहीं होता। 🤫🧠
Woh keh gaya
ReplyDeletemera intezaar mat Karna,
Mein kahu toh bhi
mera aitbaar mat Karna,
Ye bhi kaha
unhe pyaar nahi mujhse🫂
Aur ye bhi keh gaya
kisi aur se pyaar Mat karna🥀
-gulzar sahab😇
Very nice
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