शायद मेरे लिए वक़्त हीं नहीं हैँ।
उसे मेरे साथ वक़्त बिताना नहीं पसंद,
या मेरे लिए वक़्त ही नहीं है।
जैसे हर पल में, हर लम्हे में,
वो किसी और ही धुन में रमा हुआ है।
उसकी दुनिया के रंग, उसकी राहें,
मेरे साथ चलने को बेकरार नहीं हैं।
चाहे कितनी भी चाहत हो, कितनी भी आस,
मेरे लिए उसके पास समय नहीं है।
वो नज़दीक होते हुए भी दूर है,
जैसे समंदर की लहरें किनारे को छूकर चली जाती हैं।
मेरे दिल की धड़कन, उसकी तन्हाई में,
सिर्फ एक ख्वाब बनकर रह जाती है।
उसके हर दिन की व्यस्तता, उसकी हँसी के पल,
मेरे साथ बीते हर पल को चुराते हैं।
मेरे दिल की हसरत, मेरी आँखों की चमक,
उसके जीवन की भीड़ में खो जाती है।
वो मुझसे मिलकर भी मुझसे दूर है,
मेरे सवालों के जवाब हमेशा अधूरे हैं।
क्या ये भी एक जुदाई का लम्हा है,
या मेरे लिए उसका वक़्त ही नहीं है?
इन सोचों में उलझा मेरा दिल,
वो वक़्त न पाने की बेबसी में डूबा है।
हो सकता है, वो मेरे साथ वक़्त बिताना नहीं चाहता,
या फिर सच में, मेरे लिए वक़्त नहीं है।
👌🏻
ReplyDelete💕💕
ReplyDeleteWaqt hmare pass nahi aapke paas nahi hai ❤️🔥
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