Ja tu jee le mere bagair, par tere bina to mujhe jeena hi nhi......!!!
ले हो गया फ़ैसला कुछ कहना ही नहीं,
तू जी ले मेरे बग़ैर , मुझे तो जीना ही नहीं,....!!!!!!
जो भी तुने किया, जो भी मेने समझा,
शायद ख़ुदा को यही मंज़ूर था,
लेकिन तेरा वो बदल जाना, चल वो भी सही,
तू जी ले मेरे बग़ैर, पर तेरे बग़ैर तो मुझे जीना ही नहीं,.....!!!!!
वो भी क्या दिन थे, वो भी क्या राते,
जब सुबह से लेकर शाम तेरी सोहबत मैं गुजरते थे,
मुझे आज भी याद है वो पल, आज भी याद है वो बाते,
और आज ये आलम है कि हम एक दूसरे को जानते तक नहीं,
जा तू जी ले मेरे बग़ैर,
पर याद रख तेरे बग़ैर तो मुझे जीना ही नहीं,...!!!!!!
ऐसी भी क्या मज़बूरियां हुई,
जो चला गया मुझे छोड़ कर,
आज भी यही सोचती हूं, खड़ी हु वही,
ख्वाब दिल मे दफ़न, लबों पर मुस्कुराहट लेकर,
जा जी ले तू मेरे बग़ैर,
तेरे बग़ैर मुझे तो जीना ही नहीं,...!!!
इस दुनियां से तो तू हार गया,
पर खुद से तो मत हार,
ये वादा रहा मिलेंगे कही न कहीं,
बस तू इस हार से बदल ना जाना ये कहकर,
की तू जी तो रही है मेरे बग़ैर,
मुझे तो जीना ही नहीं,....!!!!!!
मेने तेरे हर रंग से प्यार किया है,
मुझे पता है कि तू क्या है और क्या नहीं,
मेरी जान अपने आप को इस क़दर पत्थर दिल भी मत बना,
की मैं भी सोचने पर मज़बूर हो जाऊं,
की तू जी तो रहा है, मुझे तो जीना ही नहीं...!!!!!!
मज़बूरियां ने जो बाँधी थी बेड़िया वो भी वक़्त पर खुलेंगी, पर अभी नहीं,
मुक़द्दर मैं जो होगा देख लेंगे वरना, मिल गए तो अच्छा,
वरना तू मुझे खुलेंगी नहीं और मैं तुझे भुल पाऊँगी नहीं,
ख़ैर तब तक,
ख़ैर साँसे तो लूंगी,
ये देख कर की तू जी तो रहा है मेरे बग़ैर,
पर तेरे बग़ैर मुझे तो जीना ही नही,
देख सुन मेरी बात ,
अगर तू रात भर रोया तो मैं बिख़र जाऊँगी वही के वही,
टूट जाएगा मुझमे जो भी बचा है वो,
फिर तू चाहें जिये या ना जिये,
मुझे तो जीना ही नही,.....!!!!
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अगर मैं रोउ नहीं तो तू ही बता क्या करूँ,
जहा से भागने की कोशिश कर रही थी,
आज भी खड़ी हु वहीं,
यही सोचती हूं कैसे तेरा नाम अपनी रूह से मिटा दु,
कैसे उन पलों को भुला दु,
कैसे करूँ कुछ ऐसा की तेरा नाम ओ निशान अपने दिल से मिटा दु,
चल अब अलविदा, बस एक बार तुझे जीना सीखा दु मेरे बिना,
फिर चली जाऊँगी कही,
क्योंकि ऊपर से तो मुक़म्मल हु,
ऊपर से तो हस रही हु,
पर अन्दर से कितना झुँझ रही हु,
शायद तुझे ये अंदाज़ा भी नही,
चल अब जा,
पत्थर दिल होकर कहना पड़ रहा है,
लेकिन चल अब जा क्योंकि आज मैं ये जानती हूं,
की तू जी लेगा मेरे बगैर,
पर सच बताऊ
तेरे बग़ैर तो मुझे जीना ही नहीं।
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